आज भारत के ऊपर पूरे विश्व की नजरें टिकी होंगी। आज इसरो चंद्रमा में नया इतिहास रचने जा रहा है। चंद्रयान-2 बीते दो दिन से चंद्रमा के चारों ओर 35 किमी की ऊंचाई पर मंडरा रहा है। चंद्रयान-2 छह और सात सितंबर की दरमियानी रात चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा। इसका सीधा प्रसारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूली बच्चों के साथ देखेंगे।
चंद्रयान-2 के इस कदम पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। चंद्रयान-2 के इस सफल लैंडिग के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देशा होगा। चंद्रमा पर अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही अपने यान उतार सके हैं। बंगलूरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिक लैंडिंग की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
लैंडिंग ऐसे होगी
आज रात 1 से 2 बजे के बीच विक्रम और इसमें रखे रोवर 'प्रज्ञान' को बूस्टर प्रोपल्शन सिस्टम की मदद से लैंडिंग के लिए तैयार किया जाएगा। 1:30 से 2:30 के बीच विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा।
इसमें सबसे खास बात यह है कि ध्रुव के इस हिस्से में आज तक कोई देश लैंडिंग नहीं कर सका है। 5:30 से 6:30 के बीच छह पहिये वाला 27 किलो का प्रज्ञान लैंडर से निकलेगा। यह चांद की सतह पर 500 मीटर चलेगा। इसके पहियों पर उकेरा गया राष्ट्रचिह्न चांद की सतह पर अंकित हो जाएगा।
अभी तक सब कुछ ठीक
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार के अनुसार सॉफ्ट लैंडिंग मिशन का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब तब सब योजना के अनुसार हुआ है, आगे भी ऐसा ही होगा। चंद्रयान-1 मिशन के निदेशक रहे ए अन्नादुरई ने कहा, इसरो के पास 40 से अधिक जियोसिंक्रोनस इक्वेटेरियल ऑर्बिट (जीओ) मिशन संभालने का अनुभव है। ऐसे में सॉफ्ट लैंडिंग सफल होने की पूरी उम्मीद है। करीब 35 किमी ऊंचाई से विक्रम 15 मिनट में उतरेगा।